आओ दोस्तों जन्माष्टमी के बारे में जानते हैं
नमस्कार
जन्माष्टमी पर्व को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व पूरी दुनिया में पूर्ण आस्था एवं श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। जन्माष्टमी को भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। श्रीकृष्ण युगों-युगों से हमारी आस्था के केंद्र रहे हैं। वे कभी यशोदा मैया के लाल होते हैं, तो कभी ब्रज के नटखट कान्हा।
कृष्ण जी पूर्ण परमात्मा नही हैं पूर्ण परमात्मा तो कबीर साहेब जी हैं ,जिसका वर्णन भागवत गीता में प्रमाण हैं कि पूर्ण परमात्मा श्री कृष्ण जी नही हैं वो तो कोई ओर ही हैं।
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का दिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। जन्माष्टमी पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जो रक्षाबंधन के बाद भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
जो पूर्ण परमात्मा होता हैं उसका जन्म दिवस नही मनाया जाता है उसका तो प्रकट दिवस मनाया जाता हैं कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा हैं इनका जेष्ठ की पूर्णिमा को प्रकट दिवस मनाया जाता हैं।
श्रीकृष्ण देवकी और वासुदेव के 8वें पुत्र थे। मथुरा नगरी का राजा कंस था, जो कि बहुत अत्याचारी था। उसके अत्याचार दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे थे। एक समय आकाशवाणी हुई कि उसकी बहन देवकी का 8वां पुत्र उसका वध करेगा। यह सुनकर कंस ने अपनी बहन देवकी को उसके पति वासुदेव सहित काल-कोठारी में डाल दिया। कंस ने देवकी के कृष्ण से पहले के 7 बच्चों को मार डाला। जब देवकी ने श्रीकृष्ण को जन्म दिया, तब भगवान विष्णु ने वासुदेव को आदेश दिया कि वे श्रीकृष्ण को गोकुल में यशोदा माता और नंद बाबा के पास पहुंचा आएं, जहां वह अपने मामा कंस से सुरक्षित रह सकेगा। श्रीकृष्ण का पालन-पोषण यशोदा माता और नंद बाबा की देखरेख में हुआ। बस, उनके जन्म की खुशी में तभी से प्रतिवर्ष जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है।
जो पूर्ण परमात्मा होता हैं वह न तो किसी माता की कोख से जन्म लेता हैं ना ही उसकी कभी जन्म म्रत्यु होती हैं वो पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी हैं जो चारों युगों सशरीर आते हैं और सशरीर चले जाते हैं उनकी परवरिश कुवारी गाय के दूध से होती है।
कबीर साहेब जी के अदभुत चमत्कार करना....
कबीर साहेब द्वारा सिकंदर राजा का जलन का रोग ठीक करना 2. ... कबीर परमेश्वर जी के अद्भुत चमत्कार जैसे अकाल से बचाना, सूखी आमी नदी बहाना, "गगन मंडल से उतरे सतगुरु पुरूष कबीर” जलज माहि पौडन किए, सब पीरन के पीर ... कबीर परमात्मा उबलते तेल के कढ़ाहे में स्वयं ही विराजमान हो गए।
कबीर साहेब के ऊपर तलवार से हमले किए तब शेख तकी और उसके गुंडे जाने लगे तो परमात्मा कबीर खड़े हुए उन्हें भूत समझ कर शेख तकि ओर उसके गुंडे भाग गए ... कबीर साहेब जी को मारने के लिए उन्हें खूनी हाथी के आगे बांध कर डाला गया।
कबीर साहेब जी का सतलोक वापसी जाना....
कबीर साहेब का मगहर से सतलोक गमन कबीर साहेब द्वारा मगहर में लीला करना कबीर साहिब आज से लगभग 600 साल पहले जन्म हुआ और वो 120 वर्ष तक पृथ्वी पर रहकर जाना सतलोक से सशरीर पृथ्वी पर प्रकट होते हैं -.. सशरीर चले गए थे कबीर साहिब ने अपने शिष्यों को कहा कि अब हम आज अपने लोक में जाएंगे तब कबीर साहिब एक चादर ओढ़ कर लेट गए और सतलोक चले गए।
नमस्कार
जन्माष्टमी पर्व को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व पूरी दुनिया में पूर्ण आस्था एवं श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। जन्माष्टमी को भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। श्रीकृष्ण युगों-युगों से हमारी आस्था के केंद्र रहे हैं। वे कभी यशोदा मैया के लाल होते हैं, तो कभी ब्रज के नटखट कान्हा।
Krishna-janmashtmi |
कृष्ण जी पूर्ण परमात्मा नही हैं पूर्ण परमात्मा तो कबीर साहेब जी हैं ,जिसका वर्णन भागवत गीता में प्रमाण हैं कि पूर्ण परमात्मा श्री कृष्ण जी नही हैं वो तो कोई ओर ही हैं।
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का दिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। जन्माष्टमी पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जो रक्षाबंधन के बाद भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
जो पूर्ण परमात्मा होता हैं उसका जन्म दिवस नही मनाया जाता है उसका तो प्रकट दिवस मनाया जाता हैं कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा हैं इनका जेष्ठ की पूर्णिमा को प्रकट दिवस मनाया जाता हैं।
श्रीकृष्ण देवकी और वासुदेव के 8वें पुत्र थे। मथुरा नगरी का राजा कंस था, जो कि बहुत अत्याचारी था। उसके अत्याचार दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे थे। एक समय आकाशवाणी हुई कि उसकी बहन देवकी का 8वां पुत्र उसका वध करेगा। यह सुनकर कंस ने अपनी बहन देवकी को उसके पति वासुदेव सहित काल-कोठारी में डाल दिया। कंस ने देवकी के कृष्ण से पहले के 7 बच्चों को मार डाला। जब देवकी ने श्रीकृष्ण को जन्म दिया, तब भगवान विष्णु ने वासुदेव को आदेश दिया कि वे श्रीकृष्ण को गोकुल में यशोदा माता और नंद बाबा के पास पहुंचा आएं, जहां वह अपने मामा कंस से सुरक्षित रह सकेगा। श्रीकृष्ण का पालन-पोषण यशोदा माता और नंद बाबा की देखरेख में हुआ। बस, उनके जन्म की खुशी में तभी से प्रतिवर्ष जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है।
जो पूर्ण परमात्मा होता हैं वह न तो किसी माता की कोख से जन्म लेता हैं ना ही उसकी कभी जन्म म्रत्यु होती हैं वो पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी हैं जो चारों युगों सशरीर आते हैं और सशरीर चले जाते हैं उनकी परवरिश कुवारी गाय के दूध से होती है।
Krishna janmashtmi |
कबीर साहेब जी के अदभुत चमत्कार करना....
कबीर साहेब द्वारा सिकंदर राजा का जलन का रोग ठीक करना 2. ... कबीर परमेश्वर जी के अद्भुत चमत्कार जैसे अकाल से बचाना, सूखी आमी नदी बहाना, "गगन मंडल से उतरे सतगुरु पुरूष कबीर” जलज माहि पौडन किए, सब पीरन के पीर ... कबीर परमात्मा उबलते तेल के कढ़ाहे में स्वयं ही विराजमान हो गए।
कबीर साहेब के ऊपर तलवार से हमले किए तब शेख तकी और उसके गुंडे जाने लगे तो परमात्मा कबीर खड़े हुए उन्हें भूत समझ कर शेख तकि ओर उसके गुंडे भाग गए ... कबीर साहेब जी को मारने के लिए उन्हें खूनी हाथी के आगे बांध कर डाला गया।
कबीर साहेब जी का सतलोक वापसी जाना....
कबीर साहेब का मगहर से सतलोक गमन कबीर साहेब द्वारा मगहर में लीला करना कबीर साहिब आज से लगभग 600 साल पहले जन्म हुआ और वो 120 वर्ष तक पृथ्वी पर रहकर जाना सतलोक से सशरीर पृथ्वी पर प्रकट होते हैं -.. सशरीर चले गए थे कबीर साहिब ने अपने शिष्यों को कहा कि अब हम आज अपने लोक में जाएंगे तब कबीर साहिब एक चादर ओढ़ कर लेट गए और सतलोक चले गए।
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